बलरामपुर में अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन लगातार आठवें दिन भी रहा जारी
जिला संवाददाता आशीष कसौधन

बलरामपुर। अधिवक्ता अधिनियम 1961 में केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधन के विरोध में बलरामपुर के वकीलों का आंदोलन लगातार आठवें दिन भी जारी रहा। वकीलों ने तहसील गेट के बाहर बौद्ध परिपथ मुख्य मार्ग को जाम कर दिया, जिससे करीब एक घंटे तक बलरामपुर बहराइच मार्ग पर यातायात बाधित रहा। जहाँ वकील मुख्य मार्ग पर धरने पर बैठे नजर आए और काफी संख्या में भीड़ जमा हो गई। वही अधिवक्ताओं द्वारा सरकार विरोधी नारे, जैसे “योगी मोदी मुर्दाबाद,” जमकर लगाए गए। यह विरोध प्रदर्शन 20 फरवरी से कलम बंद हड़ताल के रूप में शुरू हुआ था। वकीलों ने इससे पहले न्यायालय परिसर से डीएम कार्यालय तक मार्च निकाला और राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा था। जिला बार एसोसिएशन बलरामपुर के अध्यक्ष अजय बहादुर सिंह ने बताया, प्रस्तावित संशोधन अधिवक्ता समाज की स्वतंत्रता का हनन है। उन्होंने कहा कि इस संशोधन के जरिए वकीलों की आवाज दबाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे देश भर के अधिवक्ताओं में आक्रोश है। वही स्थानीय पुलिस प्रशासन और अधिकारियों के समझाने के बाद वकीलों ने प्रदर्शन समाप्त किया। हालांकि, वकीलों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने इस संशोधन को वापस नहीं लिया तो वे और भी उग्र प्रदर्शन करेंगे। वकीलों ने सरकार को इस स्थिति की जिम्मेदारी लेने की चेतावनी दी है।